चीन से परेशान डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने को उत्सुक, फोन किया, पहली मुलाकात दक्षिण कोरिया में, फिर दोहराया, भारत-पाक संघर्ष मैंने रुकवाया Donald Trump eager to meet President Xi Jinping



वाशिंगटन, बकिंघमशायर (यूनाइटेड किंगडम)। बकिंघमशायरमें ब्रिटिश प्रधानमंत्री के चेकर्स स्थित आवास पर कीर स्टार्मर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी निराशा यह है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष को लेकर उन्हें हताश किया। व्यापार के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के साथ सफल रहे।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बहुत करीब होने के बावजूद रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर लगाए गए शुल्क (टैरिफ) का भी उल्लेख किया। ट्रंप ने कहा कि आप (भारत और पाकिस्तान) हमारे साथ व्यापार करना चाहते हैं, तो आपको साथ मिलकर काम करना होगा। और वे (भारत और पाकिस्तान) इस पर जोर-शोर से आगे बढ़ रहे थे।

अप्रैल में पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के बाद, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। बार-बार दावा किया है कि उन्होंने परमाणु-संपन्न दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा है कि यदि वे संघर्ष रोक दें तो अमेरिका उनके साथ बहुत सारा व्यापार करेगा। भारत ने कभी स्पष्ट रूप से डोनाल्ड ट्रंप के दावे का खंडन नहीं किया है।

रूस से व्यापारिक संबंध रखने वालों पर जबरदस्त टैरिफ लगाने के बयान पर चीन ने तीखी टिप्पणी की तो ट्रंप कुछ बदले से नजर आ रहे हैं। उन्होंने मतभेदों को सुलझाने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात कर अगले कुछ दिनों में मुलाकात की पेशकश की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह और चीनी नेता शी चिनफिंग अगले महीने दक्षिण कोरिया में एक शिखर सम्मेलन में मिलेंगे। वह अगले साल की शुरुआत में चीन की यात्रा करेंगे। ट्रंप ने शुक्रवार को चिनफिंग से फोन पर बात की, ताकि लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक अमेरिका में संचालित करने की अनुमति देने के लिए एक समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। ट्रंप द्वारा 20 जनवरी को फिर से राष्ट्रपति का पदभार संभालने और चीन पर बहुत ऊंचे शुल्क (टैरिफ) लगाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यह चिनफिंग के साथ दूसरी बातचीत है।

टैरिफ के कारण दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था। ट्रंप बीजिंग के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत करने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं, खासकर टिकटॉक के मामले में भी। दरअसल टिकटॉक की मूल कंपनी अपनी नियंत्रक हिस्सेदारी नहीं बेचती है तो उसे अमेरिका में प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन मामला इतना भर नहीं है। चीन लगातार अमेरिकी टैरिफ नीतियों की न सिर्फ आलोचना कर रहा है बल्कि अपने कारोबार और उद्योग को टैरिफ से बचाने के लिए तमाम तरह के प्रभावी उपाय भी अपना रहा है जिससे ट्रंप परेशान हैं। हाल में डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन की यात्रा की है जहां न केवल उन्हें यूनाइटेड किंगडम के राजघराने में शानदार आतिथ्य मिला है बल्कि ब्रिटिश सरकार ने भी उनकी आव-भगत में कोई कसर नहीं छोड़ी। ट्रंप इससे अभिभूत हैं। ब्रिटिश राजा चार्ल्स ने उन्हें शानदार दावत दी।

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