धोखाधड़ी में कमल सोमानी, आशीष खुराना गिरफ्तार, प्लास्टिक पुतले का अंतिम संस्कार व्यक्ति के रूप में करके 50 लाख बीमा क्लेम करने की थी योजना Hapur Kamal Somani and Ashish Khurana arrested for fraud; plan to claim ₹50 lakh insurance by cremating a plastic dummy as a person



गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़। उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र के बृजघाट में पुलिस ने दिल्ली के दो व्यापारियों को गिरफ्तार कर लिया, जो कथित तौर पर धोखे से बीमा के 50 लाख रुपये का क्लेम करने की साजिश के तहत एक पुतले का अंतिम संस्कार करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि उनके दो साथी भागने में कामयाब रहे। पुलिस के अनुसार बृहस्पतिवार दोपहर यह अजीब मामला तब सामने आया, जब चार लोग हरियाणा के नंबर वाली एक कार में घाट पर पहुंचे और अपने साथ शव होने की बात कहते हुए लकड़ी और अन्य जरूरी सामान खरीदा। मृतक का नाम अंशुल बताया।

पुलिस ने कहा कि उन्होंने घी और अंतिम संस्कार के लिए जरूरी अन्य चीजें खरीदीं और चुपचाप पुतले को शव की तरह चिता पर रख दिया, नियमानुसार पंडित आदि को अंतिम संस्कार के लिए नहीं लियां लेकिन उनकी घबराहट को स्थानीय लोगों ने भांप लिया तथा श्मशान घाट पर मौजूद नगर पालिका के कर्मचारी नितिन को कुछ गड़बड़ लगी। पुलिस के अनुसार नितिन ने जब पुतले के ऊपर ढके कपड़े को हटाया, तो पता चला कि वह किसी इंसान का शव नहीं बल्कि एक प्लास्टिक का पुतला था। इसे देख अन्य चिताओं के साथ के लोग पास आ गए। किसी ने इसी बीच पुलिस को फोन कर दिया। अधिकारियों ने बताया सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने गाड़ी के साथ दो अन्य पुतले भी बरामद किए। दो आरोपियों- कमल सोमानी और आशीष खुराना को गिरफ्तार कर लिया गया, जो दिल्ली के उत्तम नगर में जैन कॉलोनी के रहने वाले हैं। उनके दो साथी भाग गए।

पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान, कपड़ा व्यापारी सोमानी ने कबूल किया कि उस पर 50 लाख रुपये का कर्ज था और वह महीनों से अवसाद में था। पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) स्तुति सिंह ने कहा, पैसे चुकाने के लिए, उसने एक बड़ी योजना बनाई। उसके पास अपने कर्मचारी नीरज के भाई अंशुल के आधार और पैन कार्ड थे, जो दिल्ली में कमल सोमानी के पते के ही थे। लगभग एक साल पहले अंशुल के नाम पर कमल ने 50 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी ली और उसका प्रीमियम नियमित भर रहा था।

पुलिस के मुताबिक योजना थी कि अंशुल का शव बताकर उसका अंतिम संस्कार करके श्मशान घाट से शवदाह की आधिकारिक रसीद प्राप्त कर ली जाए। इसके बाद उनकी बीमा राशि का क्लेम करने की योजना थी। अधिकारियों के अनुसार हालांकि, जब पुलिस ने सोमानी के फोन से अंशुल को वीडियो-कॉल किया, तो वह प्रयागराज में अपने घर पर था और उसने दावा किया कि उसे इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। सीओ स्तुति सिंह ने इसे बीमा धोखाधड़ी का मामला बताया और कहा, जांच चल रही है और फरार संदिग्धों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड)

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