शहबाज के प्यारे, ट्रंप के दुलारे पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज बनेंगे, उनके लिए होगा संविधान में संशोधन ? Shahbaz's favourite, Trump's favourite, Pakistan Army Chief Asim Munir will become Chief of Defence Forces, and the Constitution will be amended for him



इस्लामाबाद। पिछले कुछ समय से आसिम मुनीर के चर्चे दुनिया भर में हो रहे हैं, पाकिस्तान सरकार में चाहे या अनचाहे उन पर मेहरबान है या मुनीर की मर्जी के अधीन है, यह सरकार ही जाने, लेकिन वह मुनीर को ताकतवर बनाने में लगी है। प्रधानमंत्री से भी अधिक चर्चे और इज्जत आसिम मुनीर को मिलती नजर आ रही है। पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को जल्द ही एक और पदोन्नति मिलने की संभावना है। पाक सरकार के प्रस्तावित 27वें संवैधानिक संशोधन के तहत उन्हें देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज बनाए जाने की तैयारी चल रही है। रिपोर्टों के अनुसार, कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार ने आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल की मानद उपाधि प्रदान की थी। यह फैसला भारत-पाकिस्तान मई संघर्ष के बाद लिया गया था, जिसमें भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान के कई हवाई ठिकानों, रडार, मिसाइल सिस्टम और कमांड केंद्रों को भारी नुकसान पहुंचा था। और जवाब में पाकिस्तान ने भारत के कश्मीर के कई इलाकों में हमले किए जिसमें भारत के करीब डेढ़ दर्जन लोग मारे गए और कई दर्जन घायल हुए थे।

संविधान संशोधन प्रस्ताव को पाकिस्तान की संघीय कैबिनेट ने मंजूरी देकर सीनेट में पेश कर दिया है। इसे अब नेशनल असेंबली और सीनेट की संयुक्त विधि एवं न्याय समितियों को समीक्षा के लिए भेजा गया है। कानून मंत्री आजम नजीर तारड़ ने बताया कि वर्तमान में चेयरमैन, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का पद 27 नवम्बर को समाप्त कर दिया जाएगा, जब मौजूदा पदाधिकारी जनरल साहिर शमशाद मिर्जा का कार्यकाल पूरा होगा। इसके बाद कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और सेना प्रमुख ही चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज की भूमिका संभालेंगे। तारड़ ने स्पष्ट किया कि फील्ड मार्शल का दर्जा केवल एक मानद उपाधि है, न कि कोई सक्रिय रैंक या नियुक्ति। यह जीवनभर के लिए मान्य होगी, और इसका निरसन केवल पाक संसद कर सकती है प्रधानमंत्री को यह अधिकार नहीं होगा।

प्रस्तावित संशोधन को लेकर पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने कहा है कि वह सशस्त्र बलों से जुड़े अनुच्छेद 243 में संशोधन का समर्थन करती है, परंतु 18वें संशोधन के तहत प्रांतीय स्वायत्तता में किसी भी कटौती का विरोध करेगी। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इस विधेयक को संसद पर हमला बताया है। संयुक्त संसदीय समिति रविवार को इस संशोधन पर आगे की चर्चा करेगी। यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो जनरल आसिम मुनीर पाकिस्तान के इतिहास में पहले ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ बन जाएंगे, जिससे देश की सैन्य कमान पूरी तरह उनके अधीन आ जाएगी।

मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी आसिम मुनीर से काफी प्रभावित नजर आते हैं। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में आसिम मुनीर को भोज दिया और पिछले दिनों हुए गाजा शांति सम्मेलन में पाकिस्तान के शहबाज शरीफ सहित आसिम मुनीर की भी तारीफ की। ट्रंप ने मुनीर को योद्धा बताया था।

प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड)

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